Utkarsh Srivastava "Srijan"

welcome to Utkarsh Srivastava's website हम आज भी अपने हुनर मॆ दम रखते है, होश उड जाते है लोगो के, जब हम मेहफ़िल मे कदम रखते है ।।
हम पडाव को समझे मंजिल,लक्ष्य हुआ आँखों से ओझल,,,,। वर्तमान के मॊहजल मे, आने वाला कल ना भुलाये,,,,।। आओ मिलकर दिया जलाये,,,,,,।।।