संपूर्ण वंदे मातरम् का Audio यहा सुने - http://balsanskar.com/hindi/lekh/299.html वन्दे मातरम का हिन्दी-काव्यानुवाद) जलवायु अन्न सुमधुर, फल फूल दायिनी माँ!, गौरव प्रदायिनी माँ!! शत-शत नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत! अति शुभ्र ज्योत्स्ना से, पुलकित सुयामिनी है। द्रुमदल लतादि कुसुमित, शोभा सुहावनी है।। यह छवि स्वमन धरें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!! हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!! कसकर कमर खड़े हैं, हम कोटि सुत तिहारे। क्या है मजाल कोई, दुश्मन तुझे निहारे।। अरि-दल दमन करें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!! हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!! तू ही हमारी विद्या, तू ही परम धरम है। तू ही हमारा मन है, तू ही वचन करम है।। तेरा भजन करें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!! हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!! तेरा मुकुट हिमालय, उर-माल यमुना-गंगा। तेरे चरण पखारे, उच्छल जलधि तरंगा।। अर्पित सु-मन करें हम, हे मातृभूमि भारत! तुझको नमन करें हम, हे मातृभूमि भारत!! हे मातृभूमि भारत! हे पितृभूमि भारत!! बैठा रखी है ह...
न्याय का अर्थ है नीति-संगत बात अर्थात उचित अनुचित का विवेक | वात्स्यायन ने न्याय सूत्र में लिखा है- “ प्रमाणैर्थपरीक्षणं न्यायः “ अर्थात प्रमाणों द्वारा अर्थ का परिक्षण ही न्याय है | भारतीय संविधान ने प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार प्रदान किये हैं चाहे वह कोई आम व्यक्ति हो या कोई न्यायाधीश | भारतीय न्यायिक प्रक्रिया में भी तथ्यों व प्रमाणों की जांच किये बिना किसी को दोषी नहीं माना जाता है | परन्तु यदि व्यक्ति दोषी पाया जाता है, तो नीति कहती है कि अपराधी को दण्ड देने में उसे रियायत तथा विलम्ब नहीं करना चाहिए | 23 जनवरी 2017 को कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश चिन्नास्वामी स्वामीनाथन कर्नन प्रधानमंत्री को एक खुला पत्र लिखकर न्यायपालिका में हो रहे भ्रष्टाचार की तरफ उनका ध्यानाकर्षण करवाते है | इस पत्र में उच्च न्यायालय तथा सर्वोच्च न्यायालय के 20 जजों के नाम सहित 3 अन्य अधिकारिओं के नाम का उल्लेख करते हुए जस्टिस कर्नन इन सभी पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाते हैं | वे लिखते हैं कि विमुद्रीकरण (नोटबंदी) के बाद देश में बहुत सा अवैद्य-धन पकड़ा गया है | इससे भ्रष...
“If you love a flower, don’t pick it up. Because if you pick it up it dies and it ceases to be what you love. So if you love a flower, let it be. Love is not about possession. Love is about appreciation.”
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