आत्म-मन्थन ,ध्येय चिन्तन ,तप निरन्तर कर रहे है,,, जिन प्रबलतम आँधियों से हम निरन्तर लड रहे है,,, उन विकटतम आँधियों पर ,चिर विजय कि कामना है,, कर्म ही आराधना है ।।


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